2024 के सफल बिज़नेस आइडिया| Business Ideas In Hindi

Business Ideas Hindi :हम आज कुछ बेहतरीन बिजनेस आइडियाज लेकर आए हैं. Business Ideas in Hindi में हम आपको बहुत से बिजनेस आइडिया देंगे. जो सभी एक से बढ़कर एक होंगे, आज के आधुनिक समाज के लिए आवश्यक लघुउद्योग ,गृहउपयोगी उद्योग, सेवा उद्योग ,अन्न प्रक्रिया उद्योग,खेती बाड़ी से समन्धित उद्योग के बारे में हम बताने वाले हे| आप Low Investment Business शुरू करके कुछ ही दिनों में उसे बड़े स्केल पर ला सकते है.

Business Ideas Hindi

आपकी Smart Business Idea फाइनल होने के पहिले उसका प्लान करना चाहिए ,प्लान हमेशा स्टेप बाई स्टेप होना चाहिए. आपके इस प्लान में ऑपरेशन, बजट,मार्केटिंग के लिए अच्छी स्ट्रेटेजी होनी चहिए, जिससे आपको बिज़नेस शुरू करने के बाद ज्यादा परेशानियों का सामना ना करना पड़े.

बहुत सारे लोगो का जॉब या Business करे इसमें कन्फूजन होता है अगर आपने अभी ही किसी नौकरी की तैयारी शुरू की हैं तो आपका मन बिजनेस की तरफ भागेगा और अगर नया बिजनेस शुरू किया हैं तो आपका मन नौकरी की तरफ भाग सकता हैं.(ये अक्सर उन लोगों के साथ होता हैं जिनके इरादे कच्चे होते हैं.) इसलिए अपने निर्णय पर टिके रहे और हमारे आर्टिकल पढ़कर अपना स्मार्ट बिज़नेस चालू करे |

यदि आप जानना चाहते हैं कि कौन सा बिजनेस शुरू करें तो आपके लिए हमारे द्वारा लिखा गया यह लेख बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण होने वाला है। हमारे द्वारा लिखे गए इस लेख को पढ़ने के बाद आप बड़ी आसानी से यह निर्णय कर पाएंगे कि आप कौन सा बिजनेस शुरू करें।

Business Ideas In Hindi-2024

Room Freshener (रूम फ्रेशनर बनाने का बिज़नेस )

Room Freshener (रूम फ्रेशनर बनाने का बिज़नेस )
Freshener In Living Room

आधुनिकीकरण के कारण मनुष्य का जीवनमान बदला है| अब  फ्लैट  संस्कृति अस्तित्व में आई है| उसके कारन कम जगह में तैयार हुई निवासी बस्ती और  कूड़े कचरे की पानी की व्यवस्थित व्यवस्था न होने से हवा में कूड़े कचरे और दूषित पानी की एक प्रकार की दुर्गंध होती है | इसके कारन ऑफिस ,होटल ,मॉल के जगह  का वातावरण प्रसन्न रहे इसलिए बहुत से लोग कृत्रिम सुगंध का फावारा मारकर वातावरण प्रसन्न रखने का प्रयत्न करते हैं| कृत्रिम रूम फ्रेशनर बनाने में भी आसान है  अच्छी मांग  वाला यह व्यवसाय है|

उद्योग की खोज में होने वालों को कम भांडवल में अच्छा फायदा प्राप्त करके देने वाला यह व्यवसाय है| मॉल्स,बड़े-बड़े होटल, दुकानों में तैयार माल बेचकर उत्पन्न प्राप्त कर सकते हैं| और  १ आदमी आराम से ये बिज़नेस कर सकता है|   इसके लिए आप जानकर  व्यक्तियों से बनाने फार्मूला तैयार करके लीजिए.

कच्चा माल (Raw Material): Ethenol ,Alfox200, Propylin Glycol,Essential Oil/Fragrance,colour 

इसके अलावा आपको पैकिंग की बोतले, स्प्रे पंप का भी उपयोग करना पड़ेगा |

मार्केटिंग: खुद का ब्रांड नेम तैयार करके उसका  उत्पादन करना शुरू करकर आप इसे होटल्स, मॉल ,कंपनी और बड़े दुकानों को बेच सकते है |

मिनरल वाटर /पैकेजड़ ड्रिंकिंग वाटर(Packing Mineral Water Business)

 

मिनरल वाटर /पैकेजड़ ड्रिंकिंग वाटर(Packing Mineral Water Business)

हर आदमी घर से बाहर किसी काम के लिए दूसरी जगह पर जाता है तो ,और घूमने के लिए जब भी बाहर जाता है तो पानी बोतल का उसको जरुरत होता ही है। अभी रेलवे स्टेशन ,बस स्टैंड , और होटल में १ लीटर पानी की बोतल की कीमत २० रुपये है।
आज सिर्फ पानी बेचकर बड़ी नेशनल कम्पनिया हजारो-करोडो रुपये कमा रही है।इस बिज़नेस में उत्पादन खर्च कम और बेचने का मूल्य ज्यादा होने से दुगुना फायदा होता है तो इससे नए उद्योजको को व्यवसाय करने का अच्छा मौका है।

पैकेज्ड ड्रिंकिंग वाटर में मनुष्य के शरीर को हानिकारक होनेवाले सभी प्रकार के क्षार कम किये जाते है जैसे की Calcium ,Magnesium,Chloride,Sulphate ,Clorin आदि। पानी शुद्ध करने के लिये दो ,चार ,आठ हजार लीटर पानी शुद्ध करनेवाली रिवर्स ऑस्मोसिस (R.O )मशीन मिलती है। ऐसे तैयार किया हुआ पानी बी.आय.एस के लैब में जांचने के बाद ही उत्पादन चालू करना पड़ता है। प्रतिदिन तैयार की हुई बोतलेा पर बैच नंबर लिखना पड़ता है। अन्न्य और औषद प्रशासन का मंजूरी प्रमाणपत्र उत्पादन शुरू करने से पहिले लेना पड़ता है।
पानी शुद्धिकरण प्रकल्प में नियुक्त करनेवाले मजदुर तम्बाखू, गुटखा जैसे व्यसनों से दूर रहनेवाले हो। काम करते समय मजदुर को सिर पर बाल पानी में ना गिरे इसलिए कैप ,हाथो में ग्लोज आदि उपयोग करने को लगाइये। प्रकल्प में खुद की लैब हो। रोज प्रत्येक बैच का पानी चेक करने के बाद ही पैकिंग करे। पानी को पैक करने के लिए लगने वाली बोतले प्लास्टिक मोल्डिंग करनेवाली कंपनी के पास से आपको जिस डिज़ाइन में चाहिए वैसे मिल जाएगी।

रॉ मटेरियल (Raw Material ): इस बिज़नेस के लिए पानी ही आपका कच्चा माल है। और वितरण करने के लिए आपको बोतले और उसका लेबल लगेगा।

Machine : R.O Machine ,सैंड फ़िल्टर ,कार्बन फ़िल्टर ,सॉफ्टनर ,बोतले पैक करने के लिए पैकिंग बोतले और पानी की मोटर लगेगी.

मार्केटिंग:सबसे पहले अपने लोकल एरिया में इसकी मार्केटिंग करे ,होटल ,कंपनी बसस्टैंड रेलवे स्टेशन ,किराना दुकान के पास जाकर माल बेचिये

कोरोगेटेड बॉक्स उद्योग (Corrugated Box Business)

कोरोगेटेड बॉक्स उद्योग (Corrugated Box Business)

कोनसे भी उत्पादन का पॅक करने के लिए और उसके वितरण के लिए सबसे महत्वपुर्ण चीज़ बॉक्स है। लकड़ी के बॉक्स का उत्पादन समय और वजन ज्यादा होने से कोरोगेटेड बॉक्स का डिमांड ज्यादा है और अबके हिसाब से 95 प्रतिशद कम्पनिया कोरोगेटेड बॉक्स का उपयोग करती है । बॉक्स तैयार करने का बड़ा प्रोजेक्ट है। लेकिन पुट्ठों की तैयार शीट्स लाकर बॉक्स उद्योग शुरू किया तो यह लघुदयोग हो सकता है। तैयार करते वक्त पुट्ठों की तयार शीट्स लेकर क्रीज़िंग मशीन की सहायता से जिन आकारों के बॉक्स तैयार करने है। उस आकार के पुट्ठों के कटपीस तैयार करके लेने चाहिए। जहा पर फोल्ड करना है वहां पर मार्किंग कीजिये। साइज के अनुसार कटिंग किये हुए कटपीस फोल्ड करके बॉक्स तैयार कीजिये।
कोरोगेटेड बॉक्स का क्वालिटी और लोड लेने की क्षमता के हिसाब से 2 wall Ply ,3 wall Ply ,5 wall Ply प्रकार होता है।

बिज़नेस को लगनेवाली आवश्यक चीज़े
1. 5000 sq.ft -10000 sq.ft की जगह
2. कोरोगेटेड बॉक्स के मार्केट का न्यान
3. प्लांट कैपेसिटी के हिसाब से लगनेवाली मैनपावर
4. इलेक्ट्रिसिटी 20 KW -30 KW मशीनरी के हिसाब से

मार्केट (Market)
सभी प्रकार के उद्योजक ,उत्पादक ,व्यापारी ,विक्रेते इनके तरफ से कोरोगेटेड बॉक्स को अच्छी डिमांड है। अगर अपने कस्टमर को उसके हिसाब से उसको लगनेवाली साइज़ के अनुसार बॉक्स बनाके दिया तो वह आपको बार-बार बॉक्स डिमांड करेंगा। कपड़े को व्यापारी, इलेक्ट्रिक साधनों के व्यापारी ,नाजुक काच के सामान ,फ्रीज़ ,टीवी ,शूज़ कंपनी ,स्टेशनरी उद्योजक को जिस तरह का बॉक्स चाहिए वैसा बनाके दीजिए। और आप Indiamart ,Tradeindia पर बेच सकते है

कच्चा माल (Raw Material)
क्राफ्ट पेपर ,गोल्डन पेपर ,चिपकनेवाला द्रव (पेस्टिंग गम ,करोगेशन गम )लगता है।

मशिनरी (Machinary)
क्रीज़िंग मशीन,स्टीचिंग मशीन ,स्लेटिंग मशीन ,शिट कटिंग मशीन ,प्रिंटिंग मशीन ,पेस्टिंग मशीन

 (हँगेर निर्मिती उद्योग) Hanger Making Business

(हँगेर निर्मिती उद्योग) Hanger Making Business

हँगेर हर परिवार को लगनेवाली यह आवश्यक चीज़ है उसके कारन हर घर पे देखने को मिलते है। हँगेर के विविध प्रकार हमें मॉल ,स्टेशनरी दुकानो पर देखने को मिलते है। शहरो में अधूरी जगह होने से कपडे सुखाने के लिए ज्यादा जगह उपलब्ध नहीं होती। अब हमें प्लास्टिक ,स्टील ,अलुमिनियम के हँगेर देखने को मिलते है। स्टील के हँगेर बनाने के लिए संभावत हाथ से तार झुकाकर अथवा हैंड-मोल्डेड ओजारो द्वारा बनाये जाते है। प्लास्टिक के हँगेर बनाने के लिए मोल्डिंग करने की जरुरत होती है और प्लास्टिक के हँगेर अलग अलग कलर में उपलब्ध होते है और वह पानी से जंग पकड़ते नहीं है।

मार्केट (Machinary)
हँगेर को डोअर टु डोअर मार्केटिंग किया तो उसके ज्यादा बेचने का चान्स है। क्योंकि कोई भी व्यक्ति हँगेर लेने के लिए स्पेशली दुकान नहीं जाता। कपड़ो की दुकान ,दर्जी की दुकान ,स्टेशनरी की दुकान ,साडी की दुकान में इसका ज्यादा उपयोग होता है।

कच्चा माल (Raw Material)
प्लास्टिक हँगेर के लिए Polyethylene Teraphthalate ,अलग अलग साइज की साँचा (Die),कोटिंग पॉवडर ,अगर स्टील का बनाने वाले है तो तार झुकाने ले लिए साहित्य सामग्री लगेगी।

मशीन (Machine)
प्लास्टिक इंजेक्शन मोल्डिंग ,हैंड़मोल्डिंग मशीन ,प्लास्टिक क्रशर

 

वाइपर मेकिंग बिज़नेस | Wiper Making Business

वाइपर मेकिंग बिज़नेस | Wiper Making Business

घर,हॉस्पिटल ,दुकाने ,मॉल हर जगह साफ-सफाई करने के लिए वाइपर का इस्तेमाल होता है। अगर साफ -सफाई में जरा सी भी लापरवाही होती हैं तो कई तरह की बीमारियां आपको और आपके परिवार वालों को घेर सकती हैं। अब वाइपर भी अलग अलग डिज़ाइन और साइज में बाजार में उपलब्ध होते है।
इस वाइपर में एक रबर लगाया होता है जो फ्लोर में गिरा हुआ पानी को साफ करता है। इससे आसानी से घर ,दुकाने ,हॉस्पिटल को साफ कर सकते है और फ्लोर को चमका सकते है। इस बिज़नेस देखा जाये तो रिस्क कम है तो आप इसे चालू कर सकते है। और इसको लगने वाली मशीन और कच्चा माल मार्केट में आसानी उपलब्ध होता है।

वाइपर बनाने का तरीका
वाइपर को बनाने के लिए आपको सबसे पहले Cutting Machine से रबर शीट को वाइपर के साइज के हिसाब से काट लेना है। उसके बाद कटे हुए शीट को प्लास्टिक फ्रेम में फिट करना है। उसके बाद वाइपर फिटिंग मशीन से प्लास्टिक फ्रेम को स्क्रू लगाना है। बाद में स्टिक लगाना है और उसमे स्टिक को फिट करना है। ऐसे आपका वाइपर बनाके तयार हो जायेगा।

मार्केटिंग

मार्केटिंग करने के लिए आप, जनरल दुकानों में, व्होलसेलर,डी-मार्ट में बेच सकते है। ऑनलाइन मार्केटिंग करने के लिए आप फेसबुक पर मार्केटिंग कर सकते है। Amazon, Flipkart, Meesho, जैसी पॉपुलर ईकॉमर्स वेबसाइट पर वाइपर को बेच सकते है।

आप अपना खुदका दुकान भी लगा सकते है। जिसमे फ्लोर वाइपर को बेच सकते है और अच्छा खासा प्रॉफिट कमा सकते है। इस बिजनेस में लागत कम है और मुनाफा ज्यादा है। इस बिज़नेस को घरसे चालू कर सकते है।

कच्चा माल

वाइपर की फ्रेम ,हैंड वाइपर की फ्रेम ,स्क्रू ,स्टिक्स
मशीन

कटिंग मशीन ,हैंड प्रेस स्क्रू फिटिंग मशीन

द्रोण /पत्रावली और पेपर डिश उद्योग(Dron/Patrawali Business)

द्रोण /पत्रावली और पेपर डिश उद्योग(Dron/Patrawali Business)
बहुत साल से पलसो के पत्तो से द्रोण बनाके जो भी त्यौहार रहता था उसमे खाना लेने के लिए पत्रावली के इस्तेमाल करते थे। बड़े बड़े धार्मिक कार्यक्रम में ,शादी ,घर की पूजा के टाइम ,चुनावों के खान-पान के टाइम ,पत्रावलियो का इस्तेमाल किया जाता था या कुछ कार्यक्रम में थाली और कटोरे को किराये पर लेकर लोग जाते थे। लेकिन वह थाली और कटोरे साफ करने के बाद ही दूसरे लोगो की पंगत बैठती थी।और उसमे भी थाली ,चमच गायब होते थे लेकिन अब जमाना बदल गया है। आज के आधुनिकीकरण के कारन पेड़ो की पत्तो की जगह अब पेपर डिश ने ली है। अब जो भी लोग ट्रेवल करते है वो भी अपने साथ पेपर डिश लेकर जाते है क्योंकि वह हैंडलिंग करने के लिए भी आसान रहता है। उसको कुछ बर्तन की तरह धोने का टेंशन नहीं होता। जब जगह और सभी कार्यक्रम में इस्तेमाल करने के लिए आसान होने से लोगो की अब पेपर डिश ,द्रोण के लिए डिमांड बढ़ गयी है। इसके कारन ही इस बिज़नेस को अभी तेजी आ रही है।

मार्केट
पेपर डिश ,द्रोण का इस्तेमाल हर घर में साल में एक या दो बार होता ही है तो इस बिज़नेस का मार्केटिंग आप पडोसी या गांव या शहर से चालू कर सकते है। किराना माल की दुकाने ,शादी के मंगल कार्यालय ,स्टेशनरी दुकान ,इन ठिकानो पर बेच सकते है। पेपर डिश ,द्रोण बेचने वाले कुछ होलसेलर भी होते है।

कच्चा माल
द्रोण -पत्रावली बनाने के दो प्रकार के कागज लगते है जैसे की सिल्वर और गोल्डन पेपर

मशीन
इसमें तीन प्रकार की मशीन आती है
1 . Manual Operated Machine
2. Semi Automatic Machine
3.Fully Automatic Machine
आपको जिस साइज में बनाने के है उसके हिसाब dies लगते है ,
आप शुरुवात में कब पैसे में चालू करना चाहते है तो आप मैन्युअल ओपेरटरटेड मशीन की सहायता के साथ चालू कर सकते है उसमे प्रोडक्शन कम निकलता है लेकिन आपको कम पैसों से बिज़नेस चालू करके मार्केट का अंदाजा आ सकता है और जैसे ही मार्केट में जान -पहचान बढ़ने बाद जाये आप सेमि आटोमेटिक या फुल्ली आटोमेटिक मशीन की सहायता से इसे लार्ज स्केल पे चालू कर सकते है।

पोहा प्रकिया उद्योग (Poha Making Business)

पोहा प्रकिया उद्योग (Poha Making Business)हररोज सुबह उठकर नौकरी ,व्यवसाय ,कामधंदे के लिए जब लोग बाहर पड़ते है तो उन्हें नाश्ता करने के लिए पोहा ज्यादातर उपयोग में आता है। और पोहा आमिर का घर होया ग़रीब का घर हो सब घरों में बनाते है क्योंकि वह बनाने में भी आसान होता है और पोहा पाचन के लिए भी हल्का होता है। पोहा में कार्बोहाइड्रेट्स ,आयरन ,और प्रोटीन ज्यादा मात्रा में उपलब्ध होता है। कच्चे माल के उपलब्धता के पास ही उसपर प्रकिया करनेवाले उद्योगधंदे शुरू किए तो अन्य खर्चा काम होकर उद्योजकों को अधिक नफा मिलता है।
पोहे में भी तीन -चार प्रकार होते है नाश्ते के लिए बनाने जानेवाला पोहा ,चिवड़े के लिए तला जानेवाला पोहा ,नायलॉन पोहा ,सादा पोहा ये पोहा प्रकार होते है। अभी मका से पोहा तैयार करते है।

कच्चा माल
राइस

मशीन
1 .सोकिंंग वेसल
2. फर्नेस
3.रोस्टर
4 .वेट मशीन
5.रोटेटिंग मशीन
6.फ्लेकिंग मशीन
7 .पैकेजिंग मशीन

प्रोसेस
सबसे पाहिले राइस को बकेट कन्वेयर की मदत से क्लीनिंग सिस्टम में फीड किया जाता है। उस में सब कंकड़ ,डस्ट सेपरेट किया जाता है। फिर ये क्लीन किया हुआ राइस पानी में भिगाया जाता है ७-८ घंटो के लिए। फिर पानी से बाहर निकाल कर रोस्टर हॉपर में मैन्युअली फीड किया जाता है। फिर इसे रोस्ट किया जाता है और इसको रोटेटिंग जाली से पास किया जाता है जिससे बचा हुआ डस्ट निकल जाये। फिर इसे रनर में ट्रांसफर करके एक मिनट के लिए प्रेस करके फ़्लेक्ट राइस बना दिया जाता है

मार्केट
पोहे का पैकिंग बाजार में मांग के अनुसार कीजिए जैसे की आधा किलो ,एक किलो पैकेट किराना माल ,मॉल ,होटल्स में बड़े पैकिंग में ,बड़े होलसेल और रिटेल विक्रेता को दीजिए। ग्रामीण से शहर तक हर भाग में पोहे का मार्केट बना सकते है।

फिनाइल मेकिंग बिज़नेस (Phenyl Making Business)

फिनाइल मेकिंग बिज़नेस (Phenyl Making Business)

फिनाइल को आज कंपनी और घरेलू उपयोगी में बहुत मांग है। उत्पादन खर्च कम होने से फिनाइल तैयार करके बेचने में के व्यवसाय में नफे का प्रमाण अधिक है। आधे लीटर से 20 लीटर तक के ड्रम बाजार में बिक्री के लिए उपलब्ध होते है। फिनाइल आज हर घर में उपयोग में आने वाला केमिकल है। आधुनिक जीवनमान के कारण सभी ग्रामीण और शहरों के घर की टाइल्स ,टॉयलेट्स को जंतु नाशक करने के लिए फिनाइल का उपयोग होते दिखता है। उसका उपयोग अस्पतालों में भी होता है। फिनाइल को कोल्ड प्रोसेस अथवा हॉट प्रोसेसेस दो पद्धति से तैयार करने किया जाता है।

प्रोसेस
सफेद फिनाइल तैयार करने के पाईन आयल और रोजिन लेकर उसके बाद आपको अल्फॉक्स -200 का भी इस्तेमाल करना पड़ेगा ,सबसे पाहिले रोज़िन को बरतन में लेकर गैस पर रखकर पाईन आयल डालकर गरम कीजिये उसके बाद अल्फॉक्स-200 डालिये और उसके बाद उसे ठंडा कीजिये। आपका इससे सफेद रंग का फिनाइल तैयार मिलेगा । काले रंग का फिनाइल तैयार करने के लिए बड़े बैरल में रेजिन लेकर उसका मिश्रण करें। इस मिश्रण में 1 लीटर पानी में 125 ग्राम सोडा डाला हुआ मिश्रण डालें यह दोनों में दोनों भी मिश्रण गैस पर उबलते वक्त लंबी लकड़ी से पट्टी से उन्हें घोलिये। धीरे-धीरे उन्हें काला रंग आएगा उबालने की प्रक्रिया बंद करके उस उस में 5 लीटर पानी मिलाइये ,फिर लकड़ी की पट्टी से उसे भरपूर घोलिये। इस प्रक्रिया को हॉट प्रोसेस कहते हैं। यह सब एक रासायनिक प्रक्रिया होने से वह तैयार करने की विधि पद्धतियां होने से केमिकल तज्ञ की सलाह और मार्गदर्शन अवश्य लीजिए। रासायनिक उत्पादन होने से कोई भी शारीरिक चोट न पहुंचे इसके लिए तज्ञ से योग्य फार्मूला तैयार करके लेकर उत्पादन का प्रत्यक्ष प्रशिक्षण और अनुभव अवश्य लीजिए।

मार्केट
फिनाइल की बिक्री के लिए नगर पालिका ,सरकारी निजी कार्यालय ,अस्पतालों ,हॉस्टल ,मॉल्स, शोरूम यह अच्छे ग्राहक है। उनसे आर्डर लेकर माल दे सकते हैं। फिनाइल उत्पादन का उत्पादन खर्च कम होने से माल को होलसेलर तथा रिटेलर्स इन्हें अच्छा मार्जिन दिया तो बिक्री भी बढ़ती है।

मशीनरी
उत्पादन का प्रमाण अधिक हो तो मिश्रण घोलने के लिए बड़ा मिक्सर ,बोतलों की पैकिंग ,लेबलिंग करने की मशीन ,पानी की मोटर ,छोटी बड़ी प्लास्टिक के बर्तन रासायनिक उपकरण साहित्य लगेगा।

सूचना  रासायनिक उद्योग से होने से सरकारी नियमों का पालन कानूनी मंजूरी के पूरा करके.
फिनाइल की बिक्री के लिए नगर पालिका ,सरकारी निजी कार्यालय ,अस्पतालों ,हॉस्टल ,मॉल्स, शोरूम यह अच्छे ग्राहक है। उनसे आर्डर लेकर माल दे सकते हैं। फिनाइल उत्पादन का उत्पादन खर्च कम होने से माल को होलसेलर तथा रिटेलर्स इन्हें अच्छा मार्जिन दिया तो बिक्री भी बढ़ती है।

मशीनरी
उत्पादन का प्रमाण अधिक हो तो मिश्रण घोलने के लिए बड़ा मिक्सर ,पैकिंग की बोत्तले ,लेबलिंग करने की मशीन ,पानी की मोटर ,छोटी बड़ी प्लास्टिक के बर्तन रासायनिक उपकरण साहित्य लगेगा

सूचना रासायनिक उद्योग से होने से सरकारी नियमों का पालन कानूनी मंजूरी के पूरा करके.

अगरबत्ती का बिज़नेस (Aggarbatti Making Business)

अगरबत्ती का बिज़नेस (Aggarbatti Making Business)

भारतीय संस्कृति में सभी समुदाय में अगरबत्ती को बड़ा महत्व है। किसी भी धार्मिक कार्य में विधियों में ,पूजा अर्चना करने के लिए अगरबत्ती धूप बत्तियों की जरूरत लगती है। अगरबत्ती का उपयोग रोजाना घर में होने के कारन इसकी डिमांड ज्यादा होती है। घर बैठे महिला और पुरुषों को कम पैसों में शुरू करने के लिए योग्य और तुरंत नगद पैसा प्राप्त करके देने वाला व्यवसाय है। इस व्यवसाय को ज्यादा मनुष्यबल लगता नहीं है तो अगर घर से भी यह व्यवसाय चालू किया तो भी चलेगा अगर घर पे महिलाएं अगरबत्ती तैयार करती है और पुरुष उसका मार्केटिंग करता है तो ऐसा घरेलू उद्योग शुरू कर इस उद्योग कम समय में बड़े उद्योग के उद्योग में रूपांतरित कर सकते है।
सिर्फ अगरबत्ती की काडी तैयार करना उसे अलग-अलग सुगंध देखकर अच्छे प्रकार के आकर्षक पैकिंग में मार्केट में लांच करना बहुत ही महत्वपूर्ण है। अगरबत्ती के लिए लगने वाला कच्चा माल बाजार में अधिकतर होलसेल व्यापारियों के पास मिलता है। 1 किलो माल से साधारण 1500 से 1600 अगरबत्ती तैयार कर सकते हैं।

प्रोसेस
अगरबत्ती के रॉ मटेरियल को लेकर उसमे पानी मिलाकर उसे अच्छे तरह से मिक्स किया जाता है। वह मिश्रण फिर मशीन के कंटेनर में डाला जाता है। फिर उसके बाद काडी को मशीन के दूसरी तरफ रखा जाता है और फिर अगरबत्ती बनाने का प्रोसेस चालू होता है। तैयार स्टिक को कागज पर सुखाने के लिए डालीये। तैयार काडी को अधिक समय धूप में ना सुखाये ,आप ड्रायर मशीन से भी सूखा सकते है।

अगरबत्ती तैयार होने पर मार्केट में बेच सके अथवा उसकी उचित कीमत में बिक्री हो सके इसलिए विविध सुगंद से सेंटेड कीजिए। उसकी पैकिंग भी आकर्षित करना चाहिए। अच्छा दर्जेदार पार्किंग हो तो माल को और भी अधिक मांग आती है। आपकी अगरबत्ती की क्वालिटी अच्छी हो और बिक्री का विस्तार अधिक हो तो आपके खुद के नाम का आकर्षक ब्रांड तैयार करके वैसे पैकिंग तैयार करके मार्केट में सप्लाई कर सकते है।

मार्केट
अगरबत्ती का हमेशा ग्राहक यह मार्केट में हमेशा नया नया ब्रांड ढूंढता है इसी कारण आप भी अलग-अलग सेंटेड अगरबत्तीयों को तैयार करके भेज सकते हैं और डोर टू डोर मार्केटिंग में भी बेच सकते है। इसके साथ ही किराना दुकान ,मॉल ,स्टेशनरी ,बाजारों बिक्री कर सकते हैं।

चिप्स का बिज़नेस (Chips Making Business)

चिप्स का बिज़नेस (Chips Making Business)

भारत यह कृषिप्रधान देश होने से भारत में आलू बड़े प्रमाण में उपलब्ध होते हैं। भारतीयों लोंगो के आहार में आलू का बार बार उपयोग होता है। खासकर के उपवास के दिन आहार में रूप में साबु की खिचड़ी में आलू का मिक्स करके उपयोग होता है। आलू से चिप्स ,वेफर्स तैयार करने के इस बिज़नेस का लघु उद्योग में समावेश हो जाता है। शुरुवात में छोटे प्रमाण में उत्पादन ले सकते हैं। और उसे स्थानिक मार्केट में बिक्री कर सकते हैं।

प्रोसेस

अच्छे दर्जे के आलू लेकर पतली छुरी से उसके छिलके निकालिए और आलू के पतले पतले टुकड़े में स्लाइस करें ,आलू के टुकड़े एक जैसे आए इसलिए बड़े अथवा मध्यम आकार के गोल आलू खरीद लीजिए। आलू के टुकड़े बाद में स्वच्छ पानी से धो दीजिये। आलू के टुकड़े धूप में सुखाने के बाद उसे तेल में तलिये और उसके बाद टुकड़े कड़ाई से निकलने के बाद एक से 2 घंटे तक छेद वाले टोकरी में अथवा बर्तन में रखिए इसके चलते उसे लगा हुआ ज्यादा तेल निकल कर चिप्स तैयार होंगे। मांग के अनुसार उस पर नमक और मसाले लगाइए ,उपवास के लिए किए जाने वाले व्यक्ति को सिर्फ नमक लगाइए मसाला मत लगाइए। आलू से तैयार किए हुए चिप्स को 12 महीने मांग होने से यह व्यवसाय शुरू किया तो तैयार माल को साल भर ग्राहक उपलब्ध है।

अगर आपको थोड़े स्केल पे यह बिज़नेस करने का है तो आलू साफ करने के लिए और छिलने के लिए भी मशीन आती है। उसके बाद छिले हुए आलू को स्लाइसर की मशीन में डालके स्लाइस करे फिर उसको वाटर ड्रायर में डालकर जो भी एक्स्ट्रा पानी है उसे निकाले फिर उसे तलने के लिए फ्रायर मशीन में डाले उसका तापमान 180 डिग्री तक होना चाहिए। फिर उसे फ्लेवरिंग के लिए मसाला डालकर मशीन में घुमाइये और बादमे पैकजिंग करने के लिए पैकिंग मशीन के हॉपर में चिप्स डालकर वजन के अनुसार ऑटोमेटिकली पैकिंग हो जायेगा।

मार्केट
हर घर में उसकी बिक्री होने से तैयार हुआ माल डोर टू डोर मार्केटिंग द्वारा बिक्री हो सकता है। टाइमपास का खाद्य पदार्थ के रूप में आलू के चिप्स को होटल, कैंटीन यहां बेचा जा सकता है। आप के उत्पादन को जितना लज्जतदार बनाएंगे और उनका पैकिंग जितना आकर्षक बनाएंगे उसकी उतनी कीमत और बिक्री अधिक होगी। मार्केट उत्पादन के शुरुआती दिनों में संभवत खुद ही मार्केटिंग करके अपने आसपास के मार्केट में अपनी क्वालिटी और दर्जा इनकी सहायता से मार्केट में अपना स्थान मजबूत करो। स्थानीक किराना दुकानदार, होटल ,भोजनालय ,मॉल्स में होलसेल व्यापारी इन्हें मिलकर आपके माल की क्वालिटी उन्हें दिखाओ उन्हें कुछ सैंपल देकर उनसे आर्डर प्राप्त करके उन्हें ही माल दे दो ,धीरे-धीरे बिक्री क्या कार्यक्षेत्र भी बढ़ेगा

केटरिंग का व्यवसाय (Catering Business)

केटरिंग का व्यवसाय (Catering Business)

फ़ूड केटरिंग बिज़नेस अब तो शहर के साथ साथ गांव लेवल पर भी ज्यादा चल रहा है। हमारे इंडिया में किसी भी चीज़ का सेलिब्रेशन बहुत ही शानदार तरीके से करते है जैसे शादी ,घर की पूजा ,जन्मदिन ,एनीवर्सरी ,राजनीती के कार्यक्रम या फिर वोटिंग करने से पहिले दिई जानी वाली पार्टी हो उसमे भोजन का कार्यक्रम भी हर कोई अपने बजट के हिसाब से करता है लेकिन अब परिवार में हर चीज़ के उप्पर ध्यान देने के लिए आदमी भी पहिले जितना नहीं रहे क्योंकि हर कोई अपने काम में व्यस्त रहता है। उसके कारन ही केटरिंग जैसे व्ययसाय की मांग अब बहुत बढ़ने लगी है क्योंकि एक ही आदमी को खाने-पिने की चीजों की जिम्मेदारी दी जाये तो कार्यक्रम ख़त्म हो जाने तक वोही सब देख लें। इसमें भी दो टाइप होते है जैसे की रेस्टोरेंट पहिला होता है जिसमे में फिक्स मेनू के साथ सर्विस प्रोवाइड करते है और दूसरा इवेंट के टाइम में जो सर्विस प्रोवाइड करता है।
इस केटरिंग के बिज़नेस में आप क्या-क्या मेनू प्रोवाइड कर सकते है जैसे की वेज-नॉनवेज वो देखिये। आपसे आर्डर फाइनल होने से पहिले कस्टमर मेनू ही सेलेक्ट करेंगा। अगर आप केटरिंग का बिज़नेस के लिए शॉप लेकर करना चाहते है तो आपको लायसन्स निकालना पड़ेगा।

मार्केटिंग
मार्केट में एक दूसरे से माउथ पब्लिसिटी से ही केटरिंग के बिज़नेस का जानकारी मिलती है ,अगर कोई शादी के हॉल में बातचीत की तो वो भी आपको कस्टमर देने में आपकी सहायता करेंगे।फोटोग्राफर से कॉन्टैक्ट बढ़ाये क्योंकि उनका ज्यादा तर कार्यक्रमों में आना जाना रहना है और उनके कॉन्टैक्ट भी रहते है। अगर इसके साथ आप कस्टमर को डेकोरेशन सर्विस भी देदे तो अच्छा होगा क्योंकि हर कोई 1 स्टॉप सर्विस चाहता है। और आपके बिज़नेस को ऑनलाइन के माध्यम से बढ़ाना चाहते है तो आपकी वेबसाइट होनी चाहिए।

सामग्री
आपको किचन के संबधित सभी सामान लेना पड़ेगा।

इवेंट मैनेजमेंट बिज़नेस (Event Management Business)

इवेंट मैनेजमेंट बिज़नेस (Event Management Business)
इवेंट मैनेजमेंट के बारे में हम सब ने बहुत बार सुना होगा ही क्योंकि यह बिज़नेस की मांग अब बढ़ रही है और बढ़ने वाली है।
जैसे की वो कारपोरेट इवेंट हो ,स्टेज शो ,प्रेस कॉन्फरेन्स,अवार्ड फंक्शन ,एक्सिबिशन ,खेल का इवेंट ,बेबी शॉवर जैसे कोनसे भी इवेंट हो परफेक्टली आयोजन करने के लिए इवेंट मैनेजमेंट वाली कंपनी को चुना जाता है ताकि सबकुछ सही हो जाये। अब इवेंट मैनेजमेंट का सेक्टर बहुत बड़ा हो गया है और लोगों का इंटरेस्ट भी इसमें बढ़ गया है। और इसके रिलेटेड ढेर सारे कोर्सेस भी पढ़ाये जा रहे है। इसके साथ आपकी नजर एक आब्जर्वर की तरफ होनी चाहिए और आप में जनरल अवेयरनेस के साथ लॉजिकल थिंकिंग ,अलर्ट पर्सनिलिटी ,क्रिएटिव माइंडेड पर्सन ये स्किल होने या विकसित करने होंगे।

निचे दिए स्किल भी इस बिज़नेस के लिए आवश्यक है
1. इवेंट प्लानिंग स्किल
2. आर्गेनाईजेशन स्किल
3. नेटवर्किंग स्किल
4. बेसिक अंडरस्टैंडिंग ऑफ़ इवेंट
5. क्लाइंट फर्स्ट अप्प्रोच
6. बजट और निगोसेशन स्किल

बिज़नेस कैसे शुरू करें
इस बिजनेस को शुरू करने के लिए आपको थोड़ा सा इवेंट का अनुभव होना चाहिए! जिसकी शुरुआत आप अपने घर से ही कर सकते हो! मान लीजिए कि आपके घर में कोई बर्थडे पार्टी या छोटी- मोटी पार्टी है तो आप उसकी पूरी जिम्मेदारी अपने सिर लीजिए और उस इवेंट को अपना पोर्टफोलियो बनाइये !

इसके बाद रिश्तेदारों, दोस्तों, पड़ोसियों के छोटे -छोटे कार्यक्रम के इवेंट मैनेज कर सकते हो! धीरे-धीरे आपको बड़े इवेंट मिलने लगेंगे! इवेंट मैनेजमेंट के लिये आपको अपने साथ कई और लोगों को जोड़ना पड़ेगा जैसे की कैटरिंग वाले, लाइट वाले, डेकोरेशन वाले, डीजे वाले, बेंड वाले आदि। ज्यादातर लोगों के साथ समस्या होती है कि वे शादी या विवाह जैसे के बड़े इवेंट को संभाल नहीं पाते दिन रात लगे रहते हैं ऐसे में उन्हें एक इवेंट मैनेजर की जरूरत होती है।

छोटे शहरों में अभी इस बिज़नेस में कॉम्पेटेशन नही है लेकिन यहाँ पर आपको काम भी कम मिलेगा। लेकिन बड़े शहरों में लोग अब टेंशन फ्री रहते हैं। और उनके पास भागदौड़ करने के लिए ज्यादा टाइम नहीं होता। तो उसके लिए पूरा काम इवेंट मैनेजमेंट कंपनी को देते हैं। यदि आप इस व्यवसाय में उत्कृष्टता प्राप्त करना चाहते हैं, तो आप शुरुआत में किसी इवेंट कम्पनी या इवेंट मैनेजर के सहायक बनकर काम करना सीख सकते हैं! यह आपको अनुभव देगा और आपको नेटवर्क भी मिलेगा।

टी-शर्ट प्रिंटिंग बिज़नेस (T-shirt Printing Business)

टी-शर्ट प्रिंटिंग बिज़नेस (T-shirt Printing Business)
आज के ज़माने में कुछ ना कुछ प्रिंट किया हुआ टी-शर्ट पहनना लोग पसंद करते है। इसमें कुछ पिक्चर हो सकता या कोई मोटिवेशनल सेंटेंस या फिर कोई अच्छी लाइन हो सकती है। लड़के हो या लड़किया आउटफिट के लिए टी-शर्ट पहनना बहुत ही बड़ी नॉर्मल बात है। किसीकी पार्टी हो या फिर ट्रेवलिंग करना हो ,क्रिकेट खेलने के टाइम को भी लोग टी-शर्ट पहनना ही पसंद करते है। और अब तो कंपनी के कर्मचारीयों को टी-शर्ट कंपनी के नाम का प्रिंट किया हुआ टी-शर्ट मिलता है। इसके साथ ही ऑनलाइन भी टी-शर्ट प्रिंटिंग का बिज़नेस भी काफी बढ़ता जा रहा है।

अगर टी-शर्ट प्रिंटिंग बिज़नेस को बड़े स्केल पर भी चालू किया तो भी लागत 50000 से 100000 बिच में हो जाता है जिस में प्रिंटिंग का मशीन और रॉ मटेरिअल आ जाता है। इसके साथ ही

रजिस्ट्रेशन :टी-शर्ट प्रिंटिंग बिज़नेस को बिना रजिस्ट्रशन किये ही आप चालू कर सकते हो लेकिन जब आपका ब्रैंड तैयार करने का है तो रजिस्ट्रशन करना पड़ता है। कंपनी रजिस्ट्रशन और बाकि जरुरी डॉक्यूमेंट जैसे की ट्रेड लाइसेंस ,जीसटी ,ब्रैंड और लोगो होने से आपको नयी इन्क्वारी आयेगी और नये इन्वेस्टर भी मिल सकते है।

मशीन
सिंगल हैंडेड मैन्युअल टी-शर्ट प्रिंटिंग मशीन आपको 20000 -25000 के बिच में सकती है लेकिन इसमें एक बार में एक ही शर्ट प्रिंट होता है। हाई क्वालिटी टी-शर्ट प्रिंटिंग मशीन जिसमे एक साथ ज्यादा टी-शर्ट प्रिंट होते है वो 100000 से कीमत चालू होती है।

कच्चा माल
blank T Shirt
Color Printer Ink
Teflon Sheets
Tape
Sublimation Paper

प्रिंटिंग प्रोसेस
प्रिंटिंग मशीन में blank T Shirt को रखे और उसके ऊपर सब्लिमेशन पेपर पे जो प्रिंट करने का है वह रखिये उसके ऊपर टेफ्लोन शीट रखिये और बाद में मशीन में तापमान और टाइमिंग सेट कीजिए
टाइमिंग होने के मशीन के बजर का आवाज आएगा और आपका टी शर्ट प्रिंट होकर आएगा। इस मशीन में आप टी-शर्ट के साथ मग ,कप ,बोतल भी प्रिंट कर सकते है।

 

निष्कर्ष (Conclusion):
इस लेख में अलग-अलग प्रकार के बिज़नेस के बारे में बताया है लेकिन इसमें से कोनसा भी बिज़नेस चालू करने से पहले आप अपने एरिया के अभ्यास करे की आपके एरिया में अपने चालू किया हुआ बिज़नेस चलेगा या नहीं मतलब पहिले से ही वह एरिया में आपके सम्बंधित कितने बिज़नेस चालू है। इसलिए आप सुनिश्चित कर लें कि आप जो बिज़नस करना चाहते हो वह आपके एरिया के लिए अच्छा है या नहीं.

उम्मीद करते हैं दोस्तों आपको हमारे द्वारा लिखा गया यह लेख Business Ideas In Hindi जरुर पसंद आया होगा और इसे पढ़कर आप जरूर बिज़नेस के बारे में सोचोंगे , इस लेख को अपने दोस्तों के साथ ही शेयर करें और Business Ideas In Hindi के बारे में अधिक जानने के लिए हमारे ब्लॉग पर आते रहिये.

FAQ

Q : पैसे कमाने के लिए सबसे अच्छा व्यवसाय कौन सा है ?

Ans : सभी तरह के व्यवसाय से पैसा कमाया जा सकता हैं, जिस व्यवसाय  में आपको रूचि हो उसके साथ जानकारी भी हो उसमे आप सफल होके पैसे कमा सकते है । वैसे देखा जाये तो सब उद्योग अपने जगह पर सही है।

Q: मैं एक अच्छा बिजनेस आइडिया कैसे ला सकता हूं?

Ans: एक अच्छे बिज़नेस idea के लिए हमे अपने चारो ओर देखना होगा और समझना होगा  इस दुनिया को, जब हम मार्केट में घूमते है तो हमे काफी सारे काम नजर आते है जिससे हमे उनमे छिपी कमिया ढूंढ सकते है और उससे ही हमारा बिज़नेस आईडिया बाहर आ सकता है।

Q:गांव में कौन सा बिजनेस स्टार्ट करें?

गांव में आप कई बिज़नेस शुरू कर सकते है जैसे की Agritourism, किराने की दुकान, कपड़ो की दुकान, खेती से संबंधित व्यवसाय,फ़ूड प्रोसेसिंग,दूध का व्यवसाय,मुर्गी पालन ,बकरी पालन ,मछली पालन ,मधुमक्खी पालन.

Q: सबसे सस्ता धंधा कौन सा है?

सर्विस सेक्टर के बिज़नेस आप सबसे कम इन्वेस्टमेंट में बिज़नेस शुरू कर सकते हो।